Home महत्वाची बातमी Story – भारत का एकमात्र सीता मंदिर यवतमाल के रावेरी में …!

Story – भारत का एकमात्र सीता मंदिर यवतमाल के रावेरी में …!

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विनोद पत्रे

यवतमाल जिले के रालेगांव तहसील से 3 कि.मी.दक्षिण की और रावेरी गावं का एक पौराणिक इतिहास है और इस स्थान पर भारत का एकमात्र सीता मंदिर मौजूद है…!

प्रभु श्रीराम ने सीतामाता को 14 वर्ष का वनवास दिया और उस वनवास का आनंद माता ने रावेरी में भोगा, ऐसा कहा जाता है कि ऋषि गृत्समदा ने कपास का आविष्कार किया था। उन्होंने सबसे पहले माता सीता को आश्रय दिया और उनका पालन-पोषण किया। किंवदंती है कि माता सीता को लव और कुश पुत्र प्राप्त होने के बाद ऋषि गृत्समद ने पड़ोस के आश्रम में रावेरी यहा कुटी का निर्माण कराया और वहीं रहने लगे।*

 यवतमाल – एक ओर जहां भारत में प्रसिद्ध अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण जोरों पर चल रहा है, वहीं दूसरी और रालेगांव तहसील के रावेरी मंदिर में सीतामाता की मूर्ति को पुनर्स्थापित कर दिया गया है. महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के दिलचस्प बात यह है कि यहां की मिट्टी और रामायण में वर्णित तमसा (रामगंगा) नदी का पानी, दुनिया के एकमात्र भव्य मंदिर अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव रखने के लिए भेजा गया था।

सीतामाता मंदिर का इतिहास?

यवतमाल जिले के रालेगांव तहसील से 3 किमी दक्षिण में स्थित एक गांव रावेरी गावं का एक पौराणिक इतिहास है।
यह भारत का एकमात्र सीता मंदिर है , जब श्री राम माता सीता को वनवास में छोड़कर चले गए थे तब सीता इसी दंडकारण क्षेत्र में रह रही थीं। यहीं पर लव – कुश पुत्रौ का जन्म हुआ था. उन्होंने अपनी शिक्षा यहीं पर श्री वाल्मिकी ऋषि के मार्गदर्शन में पूरी की। भगवान श्री राम ने अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा पूरे भारतवर्ष के लिए छोड़ा था। उस घोड़े को लव – कुश ने इसी स्थान पर रोका था तब श्रीराम ने हनुमानजी को वानर सेना के साथ भेजा और उसी समय हनुमानजी को लव-कुश ने बांधकर रखा था वह आज भी इस स्थान पर हनुमानजी को बांधे जाने की स्थिति में है।

सीता जैसा वनवास आज कोई स्त्री नहीं चाहती…!

सीतामाता का यह मंदिर महाराष्ट्र सहित देश की समस्त महिलाओं का प्रतीक है। जो सीतामता को वनवास दिलाने आये थे। ऐसा निर्वासन किसी भी महिला को नहीं मिलना चाहिए। यहां आनेवाले हर पुरुष को यह महसूस होना चाहिए कि उसे अपनी पत्नी का ख्याल रखना चाहिए लेकिन कहा जाता है कि यह जगह पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रेरित करती है!
जनवरी 2024 में जब अयोध्या में श्री राम मंदिर का समर्पण समारोह मनाया जा रहा है तब यवतमाल जिले के रालेगांव तहसील के रावेरी में सीतामाता मंदिर में सीता माता की मूर्ति की बहाली के कारण यह गांव सुर्खियों में आ गया है।

किसान नेता शरद जोशी…

किसान नेता स्वर्गीय शरद जोशी ने तारिख 8 , 9 और 10 नवंबर 2001 रावरी में एक बड़ी सभा आयोजित की गई। मंदिर का भी जीर्णोद्धार किया गया। वहीं से यह मंदिर प्रकाश में आया , दर्शन करने के बाद भक्तों को मातासीता, पवनसुत हनुमान, लवकुश की प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं। हजारों वर्षों से उपेक्षित सीता माता के मंदिर का जीर्णोद्धार और कायापलट किसान नेता शरद जोशी ने किया। आज हेमाडपंथी भव्य मंदिर का गभारा भक्तों को आकर्षित करता है। तिथि के अनुसार आज भी मंडियाली रावेरी की ओर जाते श्रद्धालुओं को देखकर मेले के स्वरूप का आभास हो जाता है।