अमीन शाह
बुलडाणा – पुरे दुनिया मे खारे पाणी की झिल मशहुर है जो दुनिया की सातवे नंबर की खारे पाणी की झील मानी जाती है अचानक इस झिल के पाणी का रंग लाल होणे से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा
लेकीन रंग क्यू बदला इस का कारण अभी भी अस्पष्ट है लोणार पर जिनहोने रिसर्च की वो भी इस बात पर आश्चर्य जता रहे है उनके मतो भी भिन्नता दिखाइ दे रही है लेकीन सरोवर का पाणी लाल होणे से शहर के साथ ही पुरे परिसर के लोगो के लिये यह विषय चर्चा का रहा है , करोना की इस आपदा मे पाणी का लाल रंग हो जाने से लोगो मे इसे करिष्मा कुदरत का कहा जा रहा है
महाराष्ट्र का सबसे छोटा पक्षी अभयारण्य के रूप मे अपनी पहचाण रखणे वाला यह सरोवर परिसर है बारिश की अनियमितता तथा ग्लोबल वार्मिंग की वजह से यह के पर्यावरण मे बहुत से बदलाव देखणे को मिल रहे है साथ ही आज सरोवर का पाणी लाल होणे से ओर एक विषय सामने आया है लोणार मे आने वाले विदेशी पर्यटक को सरोवर की पुरी जनकारी देणे वाले तथा बहुत से वैज्ञानिक के सम्पर्क मे रहणे वाले लोणार सरोवर पर जीन की बहुत सारी पढाई हो गयी है ऐसे लोणार के ही आनंद मिश्रा को इस संदर्भा मे पुचने पर उनोने बतया की आज हो रहा वातावरण का बदलावं साथ बरीश कम गिरणा जीस से गिला पण कम होणा,सरोवर की पाणी की पातळी कम होणा इन सभी वजह से यह पाणी रंग का बदलावं हो सकता है लोणार के झिल का अध्ययन करणे वाले एक वैज्ञानिक ने जानकारी देते हुवे कहा की हेलोबायक्टेरिया तथा ड्युणोलीला सलीना नाम के बुरशी की वजह से कॅरोटेनाईड नाम का रंग पदार्थ तयार होता जीस से पाणी का रंग बदल सकता है हो कुछ भी सभी के मत मे फरक दिखाई दे रहा है लेकीन रंग बदलणे से सरोवर फिर एक बार चर्चा मे आ गया है लाल रंग का पाणी यह सवाल अभी भी अनुउतरीत है , सरोवर के पाणी का रंग लाल होणे से आज दिन भर ये करिष्मा देखणे वालो की भीड सरोवर क्षेत्र मे दिखाई दि.