काका,आजी,ताई| लस आली दारी|
आहोत का घरी| घ्या ना लस||
कोरोना पळवा| लस घ्या ना ताई|
अक्का,बाई,माई| सेवा खरी||
नर्सताई आल्या| डॉक्टर ही आले|
टोचूनच घ्यावे| सर्वांनीच||
मास्तरीनबाई|आल्यात हो दारी|
शेजारी पाजारी| या बाहेर||
शंभर टक्केही| गाव सारे करू
गुढी ही उभारू| जागृतीची||
जनजागृती ही| साथ द्या सा-यांनी|
या एकदिलांनी| जनलोक||
साथ द्या हात द्या| पळवू कोरोना|
लस घेण्या या ना| घरोघरी|
कवयित्री
*मिनाक्षी विजाई पांडुरंग नागराळे*
*जि.प.शाळा.कोकलगाव, वाशिम*
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