एकादशी तिथि को हिंदू धर्म में विशेष माना गया है। महाभारत की कथा में भी एकादशी के व्रत का उल्लेख मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी व्रत के महामात्य के बारे में बताया था। एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है। वर्ष 2021 की आखिरी एकादशी कब है और इसका क्या धार्मिक महत्व है।
पंचांग के अनुसार 30 दिसंबर 2021 को साल की आखिरी एकादशी तिथि है। मान्यता के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से सफला एकादशी का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इस व्रत में रात्रि जागरण को आवश्यक बताया गया है। मान्यता है कि रात्रि जागरण के बाद ही इस व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।
पापों से मुक्ति मिलती है
एकादशी व्रत रखने से पापों से भी मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि परिवार में किसी एक सदस्य के भी एकादशी का व्रत करने से कई पीढ़ियों के सुमेरू सरीखे पाप भी नष्ट हो जाते हैं। सफला एकादशी