संवाददाता लियाकत शाह
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने आक्रामक रुख अपनाया और भुसावल की हर दुकान पर मराठी में बोर्ड को लेकर सोमवार को आंदोलन किया गया. हाल ही में एक बैठक में महाराष्ट्र राज्य के कैबिनेट ने फैसला किया है कि राज्य में सभी दुकान के संकेत मराठी में होने चाहिए.
इसको लेकर मनसे की भुसावल शाखा ने आक्रामक रुख अख्तियार कर शहर में अंग्रेजी चिन्हों वाले दुकानदारों को शरीर पर लगाने वाले बाम की बोतल बांटते हुए कहा कि अगर दुकानों पर मराठी बोर्ड नहीं लगाया तब आंदोलन होगा और दुकानदार को अपने शरीर पर बाहर से बाम लगाने की नौबत आ जाएगी. इसलिए उन्हे पहले से ही सतर्क किये जा रहा है. इस अवसर पर शहर में जहा मराठी भाषा में बोर्ड नजर आए उन दुकानदारों को गुलाब के फूल देकर सम्मानित किया गया.
मनसे के जिलाध्यक्ष विनोद पाठक ने अंग्रेजी संकेतों वाले दुकानदारों से मुलाकात की और मराठी में चिन्ह लगाने को कहा. मराठी में बोर्ड बनाएं, नहीं तो बाहर से बाम लगाने का समय आ सकता है, मनसे पदाधिकारियों ने बाम की बोतलें भी बांटी. देवनागरी में महाराष्ट्र की भाषा मराठी है, इसे हर कोई समझता है. दुकानदारों को अंग्रेजी के भाषा को बदलकर मराठी करने को भी कहा गया.
इस आंदोलन में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के जिला उपाध्यक्ष विनोद पाठक, तालुका अध्यक्ष धीरज वाघमारे, शहर अध्यक्ष प्रतीक भंगले, रितेश मेहरा, लोकेश देवकर, जय पाटिल, दिनेश पाटिल, शिवा वाधे, तुषार जाधव, विलास कोली और अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.
फोटो कैप्शन: भुसावल में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पदाधिकारियों ने मराठी बोर्ड को लेकर कही बाम की बोतल तो कही गुलाब बांटते हुए (छाया: लियाकत शाह, भुसावल)